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Daily Business Newspaper
नये पूंजीवादी सिस्टम के सृजन-विसर्जन का आधार बन चुके देश के शेयर बाजारों की चाल व दिशा को जिस तरह हर दिन निकलने के साथ समझना कठिन होता जा रहा है, उसके ढ़ेरों......
संसार का हर जीव जानता है कि जीवन अनित्य है। समय अविरल गति से संसार का परिभ्रमण कर रहा है। हमें संसार में जो कुछ दिखायी दे रहा है वह एक दिन अवश्य नष्ट हो...
प्रकृति एवं परिश्रम प्रधान समाज व्यवस्था के स्थान पर अर्थ एवं आराम प्रधान समाज व्यवस्था में परिवर्तन के जिस संक्रमण काल से हम गुजर रहे हैं उसका लम्बी अवधि के...
गत कुछ अर्से से हम सिस्टम में ऐसी प्रक्रिया का गठन होते देख रहे हैं जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु का व्यक्ति ही हर कुछ माह के अंतराल या सालाना अपना Body Checkup......
हम जिस Welfare State की नीतियों पर आश्रित विकास एवं Free Economy के जिस दौर में आगे बढ़ रहे हैं उसका सर्वमान्य नियम यह होता है कि जैसे-जैसे इसकी व्यापकता......